Sliding fug : स्लाइडिंग फग

स्लाइम मोल्ड = स्लाइम मोल्ड

यह स्लिम मोल्ड फंगस नहीं है

सब्जी नहीं
कोई जानवर नहीं.

लेकिन वह एक प्रोटिस्टा है. दरअसल वह जमीन में रहने वाला एक अमीबा है. उसके पैर या सिर नहीं होते. यह एक कोशिका जीव है. वह बेकरिया खाता है.

दुनिया भर में स्लिम मोल्ड की लगभग 900 प्रजातियाँ हैं. उनमें से एक ही मैक्रोस्कोपिक है. बाकी सब कुछ कुछ सेंटीमीटर लंबा है. लेकिन कुछ वर्ग मीटर तक लंबे होते हैं और उनका वजन 20 किलोग्राम तक होता है.

यह मृत सब्जी में मौजूद किसी भी सूक्ष्मजीव को खा जाता है. मृत वनस्पति को नष्ट करने में योगदान देता है. वह बैक्टीरिया और फग भी खाता है. यही कारण है कि लॉन या जंगल के फर्श पर स्लिम मोल्ड देखा जा सकता है. वे फल उष्णकटिबंधीय क्षेत्र में फूलों पर देखे जाते हैं. शहरी क्षेत्रों में इसे जल निकासी में भी देखा जा सकता है.

उनकी जीवन प्रणाली बहुत अजीब लगती है. उनकी कोशिकाओं में कोई कोशिका भित्ति नहीं होती. वह एक बड़ी कोशिका के रूप में रहती है. जो एक सुपर सेल के रूप में कार्य करती है. इसे सब्जी नहीं कहा जाता क्योंकि इसमें हरियाली नहीं होती।

अन्यथा स्लिम मोल्ड जीवन के अधिकांश समय व्यक्तिगत एककोशिकीय प्रोटिस्ट के रूप में रहता है। यह रासायनिक संकेत के साथ एक समूह (समूह) बनाकर एकल प्राणी के रूप में कार्य करता है। जिसे स्लग कहते हैं। वह भोजन की दिशा में तेजी से चलना शुरू कर देता है।

जब भोजन प्रचुर मात्रा में मिलने लगता है तो यह एक कोशिकीय प्राणी (एककोशिकीय प्रोटिस्ट) के रूप में मौजूद रहता है। जब ये सभी एकाधिकार वाले प्राणी (समूह) भोजन की कमी के कारण एक साथ इकट्ठा होकर चलने लगते हैं। वह उस ओर तेजी से बढ़ता है जहाँ भोजन उपलब्ध होता है। भोजन खोजने में असाधारण शक्ति होती है।

यह एकरसाइन रसायन के संकेतों के अनुसार चलता है। अंत में उस फुटी बॉडी का निर्माण करके अनगिनत अन्य को हवा में छोड़ देता है। साथ ही वहाँ से गुजरने वाले जानवर दूसरों के विस्तार/विघटन में भूमिका निभाते हैं। दूसरों की कोशिकाओं में कोशिका भित्ति होने के कारण यह लंबे समय तक प्रतिकूल परिस्थितियों में जीवित रह सकता है।

इस प्रकार का मोल्ड ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, अमेरिका, बेल्जियम, ब्राजील, इटली मलेशिया, यूके, चीन और जर्मनी में देखा जाता है।

क्या यह स्लिम मोल्ड मनुष्यों के लिए फायदेमंद है या हानिकारक? अभी तक इस पर निर्णय नहीं हुआ है।
भारत में एक प्रकार का पतला साँचा पाया गया है। यह हानिकारक तो नहीं है, लेकिन खाने योग्य नहीं है। इक्वाडोर इसे खा रहा है।

यहाँ पीली जेली जैसा दिखने वाला कोहरा

फ़िज़र और पॉलीसेफ़लम हैं। वह छायादार और नमी वाली जगह पर उगता है। यह एक कोशिका है, लेकिन बहुकोशिकीय केंद्रीय फग है। वह इतना बड़ा हो सकता है। भोजन पाने का वह छोटा रास्ता खुद ही ढूँढ़ सकता है। यह जहरीला नहीं है। वह अपना आकार बदलते हुए अमीबा की तरह चलता है।
(शुरुआती दिनों में इसे फग कहा जाता था।
इसलिए मोल्ड शब्द इसके साथ जुड़ गया। यह फग नहीं है, लेकिन आजकल मोल्ड शब्द चलन में है।)

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